18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश शतरंज में बने विश्वविजेता

चर्चा में क्यों?

18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप जीतकर सबसे युवा चेस वर्ल्ड चैम्पियन बन गए।

प्रमुख बिन्दु:

  • 1985 में रूस के गैरी कास्परोव ने 22 की उम्र में यह खिताब जीता था।
  • चेस मास्टर विश्वनाथन आनंद के बाद यह उपलिब्ध हासिल करने वाले वे दूसरे भारतीय हैं।
  • आनंद 31 की उम्र में पहली बार चैम्पियन बने थे।
  • गुकेश ने डिफेंडिंग चैम्पियन डिंग लिरेन (32) को 7.5-6.5 से हराया।
Detailed answer below:

भारतीयों द्वारा जीते गए विश्व खिताब:

विश्वनाथन आनंद:
सबसे सफल भारतीय शतरंज खिलाड़ी, उन्होंने वर्ष 2000, वर्ष 2007, वर्ष 2008, वर्ष 2010 और वर्ष 2012 में फिडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती। उन्होंने वर्ष 2003 और वर्ष 2017 में वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैंपियनशिप तथा वर्ष 2000 और वर्ष 2017 में वर्ल्ड ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप भी जीती। वह शतरंज के तीनों प्रारूपों में विश्व खिताब जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।

कोनेरू हम्पी:

उच्चतम श्रेणी की भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी, जिसने वर्ष 2019 में महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती।
उन्होंने वर्ष 2019-2020 में महिला ग्रैंड प्रिक्स सीरीज़ भी जीती।

हरिका द्रोणावल्ली:

दूसरी सबसे बड़ी भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी, जिसने वर्ष 2012, वर्ष 2015 और वर्ष 2017 में महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। उन्होंने वर्ष 2016 में चेंगदू में फिडे महिला ग्रैंड प्रिक्स इवेंट भी जीता।

आर प्रज्ञाननंधा:

सबसे कम उम्र के भारतीय ग्रैंडमास्टर और विश्व शतरंज में सबसे होनहार प्रतिभाओं में से एक, जिसने वर्ष 2019 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप (अंडर -18) जीती। उन्होंने वर्ष 2021 में एशियाई महाद्वीपीय शतरंज चैंपियनशिप (ओपन) भी जीती।

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