बस्तर के ‘काकतीय वंश’ के संस्थापक कौन थे ?

बस्तर के ‘काकतीय वंश’ के संस्थापक कौन थे ?
(A) भैरव देव
(B) जयसिंह देव
(C) अन्नमदेव
(D) प्रवीरचंद्र भंजदेव
सही विकल्प – C [ CG PSC PRE 2023 ]

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परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण जानकारी:

Additional Information:

काकतीय वंश छत्तीसगढ़ का एक क्षेत्रिय राजवंश है, जिन्होंने बस्तर क्षेत्र में 1324ई. से 1948ई. तक लगभग 624 वर्षों तक राज किया है।

इनके वंशज आज भी जगदलपुर के राजमहल में निवास करते हैं और बस्तर की जनता आज भी इन्हें अपना राजा मानती है।

"काकतीय मूलतः चालुक्य थे" ऐसा इसलिए क्योंकि बस्तर पर काकतीय वंश की नीव रखने वाले अन्नमदेव मूलतः चालुक्य वंश के थे और वो वारंगल के काकतीय राजगद्दी का प्रतिनिधित्व करते हुए बस्तर आए थे।

काकतीय वंश के प्रमुख शासक अन्नमदेव के बारे में

  • अन्नमदेव –
    अन्नमदेव बस्तर में काकतीय वंश के संस्थापक थे, 1324ई. मे हरीशचंद्र देव को हराकर इन्होंने काकतीय वंश की नीव रखी और मंधोता को अपनी राजधानी बनाई। हालाकि इनकी राजधानी बदलती रही है, इनकी पहली राजधानी बारसूर थी इसके बाद दंतेवाड़ा, मंधोता, कुरुसपाल, राजपुर, बड़े डोंगर और कुछ समय के लिए बस्तर भी रही है। इन्होंने तराला नामक गांव में डंकिनी और शंकिनी नदी के संगम पर मां दंतेश्वरी का मंदिर बनवाया बाद में यह क्षेत्र दंतेवाड़ा के नाम से जानें जाना लगा।
  • बताया जाता है की इनकी पत्नि का नाम सोन कुंवर चंदेलीन था। बस्तर के लोकगीतों में इन्हें चालकीय वंश (चालुक्य वंश) का राजा बताया गया है।

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