छत्तीसगढ़ में ”महुआ बचाओ अभियान”

”महुआ बचाओ अभियान” के बारे में पढ़िए:

राज्य में पहली बार वृहद स्तर पर महुआ पेड़ों का संरक्षण किया जा रहा है।

  • महुए के पेड़ के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार छत्तीस गढ़ के बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में ”महुआ बचाओ अभियान” चला रहा रही है।
  • इस अभियान के तहत मनेंद्रगढ़ वनमण्डल में 30 हजार महुआ के पौधे लगाए गए हैं।
  • इन पौधों की निगरानी, देखभाल और संरक्षण भी राज्य सरकार करेगी।

उद्देश्य: महुआ के ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाना और आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाना।

कहां चलाया जा रहा अभियान: बस्तर और सरगुजा क्षेत्र

महुआ के पेड़ के फायदे:  

  • महुआ का पेड़ प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। भारत में इसे कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह पेड़ आदिवासियों के लिए आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्व रखता है।
  • महुआ का पेड़ भारत के उत्तर, दक्षिण और मध्य के 13 राज्यों में पाया जाता है।
  • महुआ के पेड़ से मिलने वाले फल और इसके छालों से दवाएं बनायी जाती हैं।
  • महुआ के फल से मिठाई और चिक्की तक बनाए जा रहे हैं।
  • औसतन एक महुआ पेड़ की आयु 60 साल के करीब मानी जाती है।
  • महुआ में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और विटामिन सी भरपूर होता है।

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