छत्तीसगढ़ के इतिहास की निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए :
(i) हल्बा विद्रोह
(ii) परलकोट के जमींदार गेंद सिंह को फाँसी
(iii) सिपाही विद्रोह की शुरुआत
(iv) छत्तीसगढ़ में मराठों का आक्रमण
(v) मुरिया विद्रोह
(vi) रतनपुर की स्थापना
(vii) शहीद वीर नारायण सिंह को फाँसी
उपरोक्त घटनाओं का सही कालानुक्रम है :
(A) (ii), (iv), (i), (iii), (vii), (vi), (v)
(B) (vi), (iv), (i), (ii), (vii), (iii) , (v)
(C) (i), (v), (ii), (iii), (vi), (iv), (vii)
(D) (iv), (i), (vi), (ii), (iii), (v), (vii)
सही विकल्प – B [ CG PSC PRE 2020 ]
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परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण जानकारी
छत्तीसगढ़ के इतिहास की निम्नलिखित घटनाएं : हल्बा विद्रोह के बारे में पढ़िए
हल्बा विद्रोह 1774 ई. से 1777 ई. तक
• नेतृत्व- अजमेर सिंह
• शासक- दरियादेव
• उद़देश्य – उत्तराधिकार हेतु
• विशेष – प्रथम विदोह
यह छत्तीसगढ़ का प्रथम आदिवासी विद्रोह माना जाता है।
यह विद्रोह डोंगर क्षेत्र में 1774 ई. से 1777 ई. तक चला।
काकतीय शासक इस विद्रोह को रोकने में ससमर्थ रहे और वे मराठो के अधीन हो गए।
मुरिया विद्रोह के बारे में
शासक- भैरमदेव
नेतृत्व- झाड़ा सिरहा
दमनकर्ता - मैक जार्ज
प्रतीक- आम की टहनी
मुरिया आदिवासी विद्रोह 1876 ई. में झाड़ा सिरहा के नेतृत्व में मुरिया आदिवासियों द्वारा किया गया।
यह विद्रोह शोषणमूलक नीति के विरोध में था, इसे '1876 का विरोध' भी कहा जाता है।
बस्तर के राजा भैरमदेव को ब्रिटिश शासन की तरफ से दिल्ली जाने का आदेश मिला, लेकिन मुरिया आदिवासियों ने उनका घेराव कर के उन्हें दिल्ली न जाने की प्रार्थना की।