धमतरी जिले में आयोजित ‘जल जागर’ कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सरस्वती ध्रुव को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सरस्वती को सम्मानित करते हुए कहा, “सरस्वती ध्रुव का काम हम सभी के लिए प्रेरणा है। जब महिलाएँ समाज में इतनी सक्रियता से योगदान करती हैं तो निश्चित ही समाज में बदलाव की राह आसान होती है। अधिक से अधिक लोगों को सरस्वती ध्रुव की तरह पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।”
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक में रहने वाली सरस्वती ध्रुव ने अपने साहस, संकल्प, और कड़ी मेहनत से वन और जल संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। 43 वर्षीय सरस्वती 12वीं तक पढ़ी हैं, 2004 से खोज संस्था के साथ मिलकर वनाधिकारों के संरक्षण और जागरुकता के लिए कार्यरत हैं।
सरस्वती ने खोज नामक समाज सेवी संस्था और समुदाय के सहयोग से जंगलों को संरक्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके अनुसार, नगरी ब्लॉक में संयुक्त वन प्रबंधन प्रणाली ने वन और जल संरक्षण में अहम भूमिका निभाई है। ग्राम सभा ने यह सुनिश्चित किया है, कि जंगलों में आग न लगे, जिससे वन की सुरक्षा को मजबूती मिली। इसका परिणाम यह हुआ कि मटियाबाहरा, तुमड़ीबाहरी, और खुदरपानी जैसे गाँवों में प्राकृतिक कोसा रेशम का उत्पादन होने लगा, जो स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।
ग्राम सभा के इस प्रयास से स्थानीय ग्रामीणों को 15 से 20 दिनों में 7 से 8 हजार रुपये की कमाई हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। इसके साथ ही जंगलों में बॉल्डर चेक बनाए गए हैं जो पानी को रोकने और वन की मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मददगार साबित हो रहे हैं।
इस प्रकार, जल संरक्षण और वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सामुदायिक सहयोग और जागरुकता ने एक सशक्त नींव रखी है, जिससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित हो रहा है बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी इसके फायदे मिल रहे हैं।