चर्चा में क्यों?
19 जून को आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।
क्या है सिकलसेल रोग
- सिकलसेल एक आनुवांशिक रोग है।
- इसमें गोलाकार लाल रक्त कण (हीमोग्लोबिन) हंसिये के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं जिसके कारण शरीर की सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा मे ऑक्सीजन पंहुचने का काम बाधित होता है।
- ये रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनी (शिराओं) में फसकर लिवर, तिल्ली, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों के रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हैं। इसलिए समय पर इसका ईलाज बहुत जरूरी है।
प्रमुख जानकारी
- राज्य के 33 जिलों के लक्षित 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार 535 सिकल सेल स्क्रीनिंग के विरूद्ध कुल 1 करोड़ 11 लाख 06 हजार 561 स्क्रीनिंग की गई है।
- इसमें 1 करोड़ 06 लाख 24 हजार 245 स्क्रीनिंग निगेटिव पाई गई है।
- स्क्रीनिंग में 2 लाख 90 हजार 663 वाहक पाये गये हैं तथा 22 हजार 672 बीमारी प्राप्त हुई।
- इस प्रकार राज्य में स्क्रीनिंग का कुल प्रतिशत 63 है।
- राज्य में 1 लाख 68 हजार 981 स्क्रीनिंग कन्फर्मेशन की प्रक्रिया में है।
- राज्य में 75 लाख 79 हजार 257 सिकल सेल जेनेटिक कार्ड वितरित किये गये हैं।
- कार्ड वितरण का प्रतिशत 63 है।
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